एक शाम का गुमनाम होना अभी बाक़ी था
एक मोहब्बत का अंजाम होना अभी बाक़ी था
बड़े एहतिमाम से हर शाम जलाते थे चराग़
उम्मीदों का नाक़ाम होना अभी बाक़ी था
वो लेते ही न थे हमारे तजरबों से सबक़
तनहाइयों का हर शाम होना अभी बाक़ी था
ढूँढता फिरता था म'आनी अपने वजूद के
तेरा नाम हमनाम होना अभी बाक़ी था
मेरे अफसानों में निशां ढूंढेगा अपने कोई
आख़िरी ये भी एक काम होना अभी बाक़ी था
एक मोहब्बत का अंजाम होना अभी बाक़ी था
बड़े एहतिमाम से हर शाम जलाते थे चराग़
उम्मीदों का नाक़ाम होना अभी बाक़ी था
वो लेते ही न थे हमारे तजरबों से सबक़
तनहाइयों का हर शाम होना अभी बाक़ी था
ढूँढता फिरता था म'आनी अपने वजूद के
तेरा नाम हमनाम होना अभी बाक़ी था
मेरे अफसानों में निशां ढूंढेगा अपने कोई
आख़िरी ये भी एक काम होना अभी बाक़ी था
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