एक राजा को एक बंदर इतना अच्छा लगा कि उसने अपनी हिफाज़त के लिए अपने सैनिकों को हटाकर उसे तैनात करवा लिया।एक दिन सोते वक़्त एक मक्खी राजा के ऊपर आ कर बैठ गई।
चौकीदार बंदर ने राजा की तलवार उठा कर मक्खी पर हमला कर दिया।
मक्खी उड़ गई।
राजा मर गया।
किसी ने कहा कि बंदर के intentions अच्छे थे, बस execution में कसर रह गई।
चौकीदार बंदर ने राजा की तलवार उठा कर मक्खी पर हमला कर दिया।
मक्खी उड़ गई।
राजा मर गया।
किसी ने कहा कि बंदर के intentions अच्छे थे, बस execution में कसर रह गई।
पंचतंत्र में मरा करते होंगे राजा। अब राजा अमर होता है मक्खी भी मारी जाती है और बंदर भी। पंच लोक हो चुका है।
ReplyDeleteगूढ़ अर्थ लिए सुंदर रचना अभिषेक जी. व्यंग्य अच्छा है।👌👌👌👌
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